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मुहब्बत की लकीरों से सजाई थी हथेली पर, वो सारी कसम

मुहब्बत की लकीरों से सजाई थी हथेली पर,
वो सारी कसमें, सारे वादे, सारे ख्वाब झूठे थे।

फिसलकर रेत के जैसे, वक्त फिर खो गया जैसे,
उनकी हर बात, हर आवाज, हर अहसास झूठे थे।।

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©Neel
  झूठे अहसास 🍁
archanasingh1688

Neel

Silver Star
Growing Creator

झूठे अहसास 🍁 #शायरी

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