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वो मेरी जिंदगी मेरा जहां है। मेरी आशिकी-ऐ-मरतबा मे

वो मेरी जिंदगी मेरा जहां है।
मेरी आशिकी-ऐ-मरतबा मेरा इम्तहान है।

ख़्वाहिशों को संग समेट कहि रुकसत सी हो गयी है।
जरा ढूंढ तो दो उन्हें कोई यारों जाने से उनके मुस्कान भी खो गयी है। #मुशकान
वो मेरी जिंदगी मेरा जहां है।
मेरी आशिकी-ऐ-मरतबा मेरा इम्तहान है।

ख़्वाहिशों को संग समेट कहि रुकसत सी हो गयी है।
जरा ढूंढ तो दो उन्हें कोई यारों जाने से उनके मुस्कान भी खो गयी है। #मुशकान