White ग़ज़ल नहीं और का वो भला सोचते हैं कि कुछ लोग सबका बुरा सोचते हैं पता कुछ नहीं जाने क्या सोचते हैं हमेशा वो अपना भला सोचते हैं बुरा हो भी कैसे भला सोचते हैं मिलेगा बुरा गर बुरा सोचते हैं जो करना हमे है वही हम करेंगे हमें क्या पड़ी है वो क्या सोचते हैं भले कुछ भी सोचें नहीं फ्रिक हमको हमे क्या पता दिल में क्या सोचते हैं नहीं बात करते हम उनसे कभी भी सदा वो वफा को बला सोचते हैं बहादुर नहीं उसको कहते ज़रा भी जो कमज़ोर को ही गिरा सोचते हैं कभी जो नहीं काम आऐ किसी के वही कह रहे हैं भला सोचते हैं मैं मानू भला किसकी बात आज "हरदीन" कहाँ कब किसी का भला सोचते हैं चौधरी हरदीन कूकना मकराना, राजस्थान ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA #love_shayari #गजल Extraterrestrial life