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डोंगी गुरु देखो र्स्वग का टिकट कटाने आई चेलों की

डोंगी गुरु

देखो र्स्वग का टिकट कटाने आई चेलों की फौज है,
चारों उंगल रहें घी में, संतों की यहां मौज है।

तन-मन-धन सब अर्पित करदे ढोंगवाणी बताती है,
पति देते नोटों के बंडल, पत्नी चरण दबाती है,
घर पर रखे नोकर-चाकर, डेरे झाड़ू लगाती है,
परलोकी संतों की महिमा ये सबको समझाती है,
भांग रगड़के, सुल्फे खींचों, ये ही इनकी खोज है,
चारों उंगल रहं घी में, संतों की यहां मौज है।
देखो र्स्वग का टिकट कटवाने आई चेलों की फौज है,

नामदाम के भरे टोकरे, तेरे सर पे वारदेंगे,
गण्डे तबीज बना रखे, तेरे सारे भूत उतारदेंगे,
गालों पे क्रीम लगाके आना, गुरू जी पूरा प्यार देंगे,
गर की गुरू की निंदा, तेरी हीक में गोली मार देंगे,
यहां पापी ढोंगी भरे पड़े, इस देश पर ये बोझ है,
चारों उंगल रहं घी में, संतों की यहां मौज है।
देखो र्स्वग का टिकट कटवाने आई चेलों की फौज है,

राजा, रंक सब डेरों के सेवा कार बनारखे,
कोठी कार धन दौलत के गुरू नै अम्बार लगारखे,
शब्दो में माया ठगनी के आचार विचार बनारखे,
आंख मूंद के विश्वास कर, ऐसे संस्कार करारखे,
बात बात पै लात चले ऐसा होता यहां रोज है,
चारों उंगल रहं घी में, संतों की यहां मौज है।
देखो र्स्वग का पास बनवाने आई चेलों की फौज है,

मन वश में कर जीवन जी, ले ये ही प्रभु का जाप है,
ढोंगी के चक्कर में न आना, अपना गुरू तू आप है,
निंदा चुगली चोरी जारी सबसे बड़ा पाप है,
तंत्र मंत्र काला जादू मानवता पर श्राप है,
मन चंगा तो कठोती में गंगा, फिर यहां सब मौज है,
चारों उंगल रहं घी में, संतों की यहां मौज है।
देखो र्स्वग का पास बनवाने आई चेलों की फौज है, 

’’’’नफे सिंह कादयान गगनपुरी, अम्बाला, बराड़ा-133201 मोब.999180957

©Nafe Singh Kadhian Ganganpuriya डोंगी गुरु
डोंगी गुरु

देखो र्स्वग का टिकट कटाने आई चेलों की फौज है,
चारों उंगल रहें घी में, संतों की यहां मौज है।

तन-मन-धन सब अर्पित करदे ढोंगवाणी बताती है,
पति देते नोटों के बंडल, पत्नी चरण दबाती है,
घर पर रखे नोकर-चाकर, डेरे झाड़ू लगाती है,
परलोकी संतों की महिमा ये सबको समझाती है,
भांग रगड़के, सुल्फे खींचों, ये ही इनकी खोज है,
चारों उंगल रहं घी में, संतों की यहां मौज है।
देखो र्स्वग का टिकट कटवाने आई चेलों की फौज है,

नामदाम के भरे टोकरे, तेरे सर पे वारदेंगे,
गण्डे तबीज बना रखे, तेरे सारे भूत उतारदेंगे,
गालों पे क्रीम लगाके आना, गुरू जी पूरा प्यार देंगे,
गर की गुरू की निंदा, तेरी हीक में गोली मार देंगे,
यहां पापी ढोंगी भरे पड़े, इस देश पर ये बोझ है,
चारों उंगल रहं घी में, संतों की यहां मौज है।
देखो र्स्वग का टिकट कटवाने आई चेलों की फौज है,

राजा, रंक सब डेरों के सेवा कार बनारखे,
कोठी कार धन दौलत के गुरू नै अम्बार लगारखे,
शब्दो में माया ठगनी के आचार विचार बनारखे,
आंख मूंद के विश्वास कर, ऐसे संस्कार करारखे,
बात बात पै लात चले ऐसा होता यहां रोज है,
चारों उंगल रहं घी में, संतों की यहां मौज है।
देखो र्स्वग का पास बनवाने आई चेलों की फौज है,

मन वश में कर जीवन जी, ले ये ही प्रभु का जाप है,
ढोंगी के चक्कर में न आना, अपना गुरू तू आप है,
निंदा चुगली चोरी जारी सबसे बड़ा पाप है,
तंत्र मंत्र काला जादू मानवता पर श्राप है,
मन चंगा तो कठोती में गंगा, फिर यहां सब मौज है,
चारों उंगल रहं घी में, संतों की यहां मौज है।
देखो र्स्वग का पास बनवाने आई चेलों की फौज है, 

’’’’नफे सिंह कादयान गगनपुरी, अम्बाला, बराड़ा-133201 मोब.999180957

©Nafe Singh Kadhian Ganganpuriya डोंगी गुरु

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