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बचपन इससे पहले की इस जहाँ का सच समझ जाए आओ बचपन की

बचपन
इससे पहले की इस जहाँ का सच समझ जाए
आओ बचपन की कहानी में कहीं खो जाए
हमको फिर से वो चँदा लगने लगे मामा सा
वो लोग थे जो प्यारे मर के तारे बन जाए।
था मुझको बहुत बड़ा शौक़ बड़ा होने का
आज बचपन को याद करके शौक़ पछताए।
मुझे बचपन से फ़क़त एक ही शिकायत है
हज़ार मिन्नतों के बाद भी न लौट आए।
बड़ी रफ़्तार से चलती है आज की दुनिया
आओ बचपन की ही यादों में कहीं खो जाए।

©Johnny Ahmed " क़ैस" #johnnyahmedqais #bachpan #kavita #poem #Nojoto #Nostalgia
बचपन
इससे पहले की इस जहाँ का सच समझ जाए
आओ बचपन की कहानी में कहीं खो जाए
हमको फिर से वो चँदा लगने लगे मामा सा
वो लोग थे जो प्यारे मर के तारे बन जाए।
था मुझको बहुत बड़ा शौक़ बड़ा होने का
आज बचपन को याद करके शौक़ पछताए।
मुझे बचपन से फ़क़त एक ही शिकायत है
हज़ार मिन्नतों के बाद भी न लौट आए।
बड़ी रफ़्तार से चलती है आज की दुनिया
आओ बचपन की ही यादों में कहीं खो जाए।

©Johnny Ahmed " क़ैस" #johnnyahmedqais #bachpan #kavita #poem #Nojoto #Nostalgia