विलक्षण होता है प्रकृति के हर क्षण का नज़ारा । जी भर के अवलोकन करना चाहता ये जग सारा ।। प्रकृति की ही कृति है हर जीव हर पौध । अफ़सोस हम में से कई रखते नहीं इसका बोध ।। जाने अनजाने प्रकृति प्रदूषित करने के जारी रखते उपक्रम । ना जाने कौन से विकास का पाले बैठे हैं हम सब भ्रम ।। सुंदर प्रकृति चारों ओर खिल उठी है रवि के दर्शन से अद्भुत छटा बिखरी है,,, प्रातः काल की बेला में कुसुम का आलिंगन किया स्वर्ण रश्मि ने अलसाई नैनो को जीवंत कर दिया,,, हर तरफ उत्साह उमंग की लहर दौड़ रही पंछी चहक रहे मस्त गगन में,,