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आओ आज मैं तुम्हे लिख डालूं। किसी कविता या ग़ज़ल की त

आओ आज मैं तुम्हे लिख डालूं।
किसी कविता या ग़ज़ल की तरह।।
कुछ अल्फाजों से तुम्हे सजाऊँ.....
अभी अभी खिला कमल की तरह।।

जोड़ दु कुछ पंक्तियां तेरी तारीफ में...
कुछ गीत बिखेर दूँ।।
कोरे कागज के पन्नों पर ....
तेरी तस्वीर उकेर दूँ।।
हर तरफ बस तू ही तू हो...
हवाओं से बिखरा चमन की तरह।।
आओ आज मैं तुम्हे लिख डालूं।।।

होठों को पहली किरण लिख दूँ।।
जुल्फों को काली घटा....
आंखों को समंदर के मोती लिखूं।
पलकों को दुल्हन की हया।।

चाहत को तेरी लहरें लिख डालूं।
उमड़ती जैसे अनल की तरह।।
आओ आज मैं तुम्हे लिख डालूं।
किसी कविता या ग़ज़ल की तरह।।

Copyright @ दीपक विशाल

©Deepak Vishal
  आओ आज मैं तुम्हे लिख दूँ।।

आओ आज मैं तुम्हे लिख दूँ।। #Poetry

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