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deepakvishal2579
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Deepak Vishal

मैं दीपक हूँ।। अंधेरा मिटाना मेरी फितरत है....

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Deepak Vishal

आओ आज मैं तुम्हे लिख डालूं।
किसी कविता या ग़ज़ल की तरह।।
कुछ अल्फाजों से तुम्हे सजाऊँ.....
अभी अभी खिला कमल की तरह।।

जोड़ दु कुछ पंक्तियां तेरी तारीफ में...
कुछ गीत बिखेर दूँ।।
कोरे कागज के पन्नों पर ....
तेरी तस्वीर उकेर दूँ।।
हर तरफ बस तू ही तू हो...
हवाओं से बिखरा चमन की तरह।।
आओ आज मैं तुम्हे लिख डालूं।।।

होठों को पहली किरण लिख दूँ।।
जुल्फों को काली घटा....
आंखों को समंदर के मोती लिखूं।
पलकों को दुल्हन की हया।।

चाहत को तेरी लहरें लिख डालूं।
उमड़ती जैसे अनल की तरह।।
आओ आज मैं तुम्हे लिख डालूं।
किसी कविता या ग़ज़ल की तरह।।

Copyright @ दीपक विशाल

©Deepak Vishal
  आओ आज मैं तुम्हे लिख दूँ।।

आओ आज मैं तुम्हे लिख दूँ।। #Poetry

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Deepak Vishal

टमाटर तैयार है बाजार में जाने को #tomatofarming #tomato #Tomatoes

टमाटर तैयार है बाजार में जाने को #tomatofarming #tomato #Tomatoes

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Deepak Vishal

कल- कल करती गंगा मइया
फसलों का भंडार है।
बुद्ध, अशोक, चाणक्य की भूमि,
यही तो अपना बिहार है।।

©Deepak Vishal #Likho अपना बिहार

#Likho अपना बिहार #Poetry

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Deepak Vishal

इश्क में डूबकर मैं बनारस हुआ।
तुम हो गंगा की धारा चली जा रही।।
मैं खड़ा देखता घाट की सीढ़ियां।
तुम हो चंचल मग्न में बही जा रही।।
इश्क में डूबकर मैं बनारस हुआ।।।

प्रेम की डोरी ऐसी बंधी है यहां...
मैं किनारों से देखूं तू जाए जहां
डूबकर तुझमे तुलसी सा पावन हुआ।
तुम तो अविरल हो मुझमे घुली जा रही।।
इश्क में डूबकर मैं बनारस हुआ।।

©Deepak Vishal इश्क में डूबकर मैं बनारस हुआ।

#wait

इश्क में डूबकर मैं बनारस हुआ। #wait #शायरी

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Deepak Vishal

पैसों का है खेल निराला, पैरों पर गिरा देती है।।
कौन रिस्ते कितने निकट है, एक क्षण में समझा देती है।।
कर्म कांड सब पैसो से, अब तो यही जमाना है।
प्यार मुहबत कौन चिड़िया है, वो सब बस बहाना है।।
अगर पैसा है पास में तो दुनिया तुम्हारे साथ है।
खाली हुई जेब अगर तब कौन पकड़ता हाथ है?

चोरी करो, डांका डालो चाहें बेचो ईमान...
करो फरेब, अपहरण,लूट और बन जाओ बेईमान।।

लाओ पैसा अमीर बनो तब होगा सम्मान
क्या होना था क्या हो गए देख लो आज इंसान।।

©Deepak Vishal पैसों का खेल निराला

#dost

पैसों का खेल निराला #dost #समाज

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Deepak Vishal

तुम बेखबर रहो मेरे दर्द से...
ख्वामख्वाह परेशान ना हो।
समझ तो जाते ही हो अक्सर
अब तुम नादान ना हो।।

तप्ती धूप में जलकर ये रास्ता बनाया है
की फिर से कोई गुमनाम ना हो...

उम्र गुजार दी हमने उनके रहनुमाई में,
की मेरी तरह कोइ बदनाम ना हो।।

तुम बेखबर रहो मेरे दर्द से...
ख्वामख्वाह परेशान ना हो।।

Copyright @ दीपक विशाल

©Deepak Vishal ख्वामख्वाह परेशान ना हो....

#delusion  Pratibha Tiwari(smile)🙂 suman kadvasra theroyalwriter

ख्वामख्वाह परेशान ना हो.... #delusion Pratibha Tiwari(smile)🙂 suman kadvasra theroyalwriter #शायरी

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Deepak Vishal

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Deepak Vishal

#Geetkaar
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Deepak Vishal

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Deepak Vishal

पैरों के छाले कुछ तस्वीर बना रही है।।
कोरोना मौत नहीं जिंदगी दिखा रही है।

अपने गुरुर में तन कर खड़ा हुए थे तुम,
देखो तो जरा हालात कितना नीचे झुका रही है।।


मिलों नंगे पांव, भूखे पैदल चलवाई।।
जो फुदकते थे सड़कों पर, उन्हें घर मे बैठाई।।
दरवाजे पर खड़े हो कर, कुछ यूं ललकार रही है।
कोरोना मौत नहीं, जिंदगी दिखा रही है।।

बड़ी बड़ी चिमनियों के धुंवा से, हवाओं में विष घोला है।
इंसान अब रहा कहाँ, मन मे पाल रहा सपोला है।।
अब तो संभाल जाओ, प्रकृति चेता रही है।
कोरोना मौत नहीं जिंदगी दिखा रही है।।

          Copyright @ दीपक विशाल कोरोना मौत नहीं, जिंदगी सीखा रही है।। MONIKA SINGH Sanjeev Kumar BELINDA INDA shivam tiwari Kush Singh🚩

कोरोना मौत नहीं, जिंदगी सीखा रही है।। MONIKA SINGH Sanjeev Kumar BELINDA INDA shivam tiwari Kush Singh🚩

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