वह पहली नज़र का सच्चा प्यार वह मासूम चाहत, प्यारा इकरार वो खट्टी-मीठी सी प्यारी तकरार ना दिल में चैन हैं और ना करार अनगिनत ख्वाब पलकों सजाए तेरे ख़्वाबों को भी अपनाये थे अनोखा है, सच्चा है, निराला है ना जाने क्यूँ अधूरा रह जाता हैं ♥️ Challenge-487 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।