मैंने अपने लिए एक शाम देखी है। वो शाम अनोखी हो , इसलिए मेहनत दिन और रात की है। नजरों को इंतजार है उस शाम की। और मुझे उस शाम को खूबसूरत बनाने की शाम हो इतनी अनोखी कि रात भी चादर ओढ़े शर्मा जाए। उस शाम की जाम में हो अनोखे काम दर्जी को दे आए अपने नाप अब बात आती मुहूर्त की ये शाम होगी किस शाम कौनसी शाम देगी अनोखा अंजाम ।। क्या ये सच में होगा प्यारा शाम?? या दृश्य उस शाम की हो जाएंगी नजरों से ओझल?? ©Listener's hut #शाम #जाम #काम #अनोखीशाम #poetry #कविता