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नन्ही बच्ची का दिल था नादान, वयःसन्धिअवस्था से थी

नन्ही बच्ची का दिल था नादान,
वयःसन्धिअवस्था से थी वो अनजान,
आया एक अज़ब परिवर्तन आया तो वो हो गई परेशान,
रहने लगी वो अचानक गुपचुप ,
नही बयाँ किया किसी को अपने दिल का हाल,
कुछ छुपाती तो कभी उस परिवर्तन से हो जाती बेहाल,
किससे कहे क्योंकि माँ के प्यार से जो आज तक वंचित थी, 
जिसका उसे था आज मलाल,
कोशिश कर उसने पिता को कह सुनाया अपने दिल-ए-हाल,
समझदार पिता ने अपनी समझदारी से उसे रजोधर्म (महावारी) का ज्ञान करवाया,
बेटी के मन का वहम मिटाया,यह सब हैं प्राकृतिक प्रक्रिया जो हर नारी को पूर्ण बनाया।
************************
:-उपरोक्त पंक्तियों में मैने सामान्य विषय पर चर्चा की हैं परंतु आज इस तकनीकी के दौर में भी लोगो की बीमार मानसिकता ने इसे गंभीर विषय की संज्ञा देते हैं, महावारी,रजोधर्म, पीरियड यह शरीरिक परिवर्तन हर बच्ची में बाल्यावस्था को छोड़ जब वह किशोरावस्था की वयः सन्धिअवस्था में आता हैं ,जिनसे वो अनजान होती हैं, सही मार्गदर्शक न होने पर वह किसी गहरी मानसिकता से पीड़ित हो सकती हैं, तो आज सभी अभिभावक प्रण ले कि वह इसे गम्भीर विषय न समझ कर इसे छुपाने की कोशिश न करे। बल्कि खुल कर चर्चा करें।यह प्रकृति का नायाब तोहफा होता हैं हर नारी के लिए ,इसी से वो पूर्ण नारी कहलाती हैं।
 नन्ही बच्ची का दिल था नादान,
वयःसन्धिअवस्था से थी वो अनजान,
आया एक अज़ब परिवर्तन आया तो वो हो गई परेशान,
रहने लगी वो अचानक गुपचुप ,
नही बयाँ किया किसी को अपने दिल का हाल,
कुछ छुपाती तो कभी उस परिवर्तन से हो जाती बेहाल,
किससे कहे क्योंकि माँ के प्यार से जो आज तक वंचित थी, 
जिसका उसे था आज मलाल,
नन्ही बच्ची का दिल था नादान,
वयःसन्धिअवस्था से थी वो अनजान,
आया एक अज़ब परिवर्तन आया तो वो हो गई परेशान,
रहने लगी वो अचानक गुपचुप ,
नही बयाँ किया किसी को अपने दिल का हाल,
कुछ छुपाती तो कभी उस परिवर्तन से हो जाती बेहाल,
किससे कहे क्योंकि माँ के प्यार से जो आज तक वंचित थी, 
जिसका उसे था आज मलाल,
कोशिश कर उसने पिता को कह सुनाया अपने दिल-ए-हाल,
समझदार पिता ने अपनी समझदारी से उसे रजोधर्म (महावारी) का ज्ञान करवाया,
बेटी के मन का वहम मिटाया,यह सब हैं प्राकृतिक प्रक्रिया जो हर नारी को पूर्ण बनाया।
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:-उपरोक्त पंक्तियों में मैने सामान्य विषय पर चर्चा की हैं परंतु आज इस तकनीकी के दौर में भी लोगो की बीमार मानसिकता ने इसे गंभीर विषय की संज्ञा देते हैं, महावारी,रजोधर्म, पीरियड यह शरीरिक परिवर्तन हर बच्ची में बाल्यावस्था को छोड़ जब वह किशोरावस्था की वयः सन्धिअवस्था में आता हैं ,जिनसे वो अनजान होती हैं, सही मार्गदर्शक न होने पर वह किसी गहरी मानसिकता से पीड़ित हो सकती हैं, तो आज सभी अभिभावक प्रण ले कि वह इसे गम्भीर विषय न समझ कर इसे छुपाने की कोशिश न करे। बल्कि खुल कर चर्चा करें।यह प्रकृति का नायाब तोहफा होता हैं हर नारी के लिए ,इसी से वो पूर्ण नारी कहलाती हैं।
 नन्ही बच्ची का दिल था नादान,
वयःसन्धिअवस्था से थी वो अनजान,
आया एक अज़ब परिवर्तन आया तो वो हो गई परेशान,
रहने लगी वो अचानक गुपचुप ,
नही बयाँ किया किसी को अपने दिल का हाल,
कुछ छुपाती तो कभी उस परिवर्तन से हो जाती बेहाल,
किससे कहे क्योंकि माँ के प्यार से जो आज तक वंचित थी, 
जिसका उसे था आज मलाल,

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