हश्र मेरी शायरी का यूँ न कर, बस तेरी कही अल्फ़ाज़ लिखा करती हूं, सच्ची अपनी दिल ए ज़ज्बात लिखा करती हूं, हश्र मेरी शायरी का यूं न कर ख़लिफ , इसमें तेरी कल, और अपनी आज लिखा करती हूं। तु पढ़ा कर इतमिनान से , लफ़्ज़ों में बयां, तेरी हर इक राज़ लिखा करतीं हूं। #Shayari hshra Meri sayri k Yun na KR 😇😇😇#truelove #lovequote #lovefilling #kavita #sayri #nojoto