दिल दे देने के बाद लग रहा होगा तुमको खाली-खाली सा, भेज रही हूँ यादों की संदूक, अभी तो काम चला लेना तुम। होगा उसमें वो सूखा गुलाब भी तो ज़रा आराम से खोलना, उसकी बिखरी ख़ुशबू से लबों पर मुस्कान खिला लेना तुम। हैं जो धुँधली तस्वीरें कर देंगी आज भी वो साँसों को बेचैन, उन्हें निकालने से पहले, ख़ुद को ज़रा सा बहला लेना तुम। फेंक ना देना इन्हें यूँ ही तुम कोई पुराना कबाड़ समझकर, अच्छी नहीं तो बुरी भी नहीं, बस अपना कहला लेना तुम। आदत नहीं है यूँ तो दे किसी की ज़िन्दगी में दख़ल 'धुन', मगर हमारी बात और है, अब मुझे अपना बुला लेना तुम। ♥️ Challenge-645 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।