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तुम बिन ------------ ख़ामोशी में गुफ़्त-गु करता ह

तुम बिन
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ख़ामोशी में गुफ़्त-गु करता हूँ परछाईं में देखता हूँ

हर आहट पर ढूँढ़ता हूँ महफ़िल में साथ पाने को तरसता हूँ

तेरे रुस्वा होने पर खुद से शिक़वा करता हूँ शर्मिन्दगी में मन ही मन पछताना चाहता हूँ

तेरी तस्वीर से तेरी ही तारीफ़ करता हूँ बंद पलकों में तेरी मुस्कान देख मैं खुश होता हूँ

मनीष राज

©Manish Raaj
  #तुम बिन
manishraaj9056

Manish Raaj

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#तुम बिन #कविता

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