खुशबू की तरह फैलना जरूरी था क्या? तुम पानी की तरह आंख में रह जाते। ये सबके दिल मे उतर कर क्या मिला। वापस इन्ही बागों का आसरा हुआ। ये चाँद, ये सूरज,ये धूप, ये बारिश,ये शबनम औऱ वह खुशबू। अब कुछ भी नही तेरा। मैं भी नहीं। ©nirbhay chauhan #Nojoto #Azadkalakar #Love #Poetry #writer #Shayari