साथी ओ ! साथी तुझ बिन ये दुनिया आधी ना चाहूं सोना ना चांदी चाहूं तो बस में साथी ओ ! साथी नहीं खुदा से कोई और फरियाद मांगी जन्नत कर मेरी दुनिया देकर सच्चा साथी ना दे मुझे घोड़ा हाथी चाहूं तो बस में साथी ओ ! साथी रहमों करम से तो ऐसी घड़ी आती जब मिले सच्चा साथी ना चाहूं मैं महल अटारी चाहूं तो बस में साथी ओ ! साथी बड़ी मुश्किलों से होती यारी होता साफ दिल ना कोई होशियारी ना चाहूं किसी में कोई हिस्सेदारी चाहो तो बस में साथी ओ !साथी "" kanchan Yadav #cousinsday #साथियों