हवा मे दियाँ जलाकर देखू तूमसे निगाहे मिलाकर देखू गुजरे हुए पल वापस आ जायेंगे शायद अपनी घड़ी बनाकर देखु अनुराग वर्मा"अनु" घड़ी बनाकर देखू