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जिंदगी के दामन मे मेरे लिये कुछ भीरहा नही मेरे हा

जिंदगी के दामन मे मेरे लिये कुछ  भीरहा नही
मेरे हाथ की लकीरो  में  सोई किस्मत कभी जागी नही

आज कल  अलग अलग किस्म के खुदा इस जनीन पर  उतर आये है
लेकिन इमने से कोई  भी खुदाअसली  खुदा  नही

उसने न जाने  क्यों  मेरी बात का बुरा मान लिया
जबकि  सच में  मैंने  ऐसा कुछ कहा नही

सूखे के कारण  बहारों ने  मुँह अपना फेर लिया  है
पेड़ो पर अब हरा  हरा कुछ  भी  रहा नही

🥰

©Parasram Arora जिंदगी के दामन  में
जिंदगी के दामन मे मेरे लिये कुछ  भीरहा नही
मेरे हाथ की लकीरो  में  सोई किस्मत कभी जागी नही

आज कल  अलग अलग किस्म के खुदा इस जनीन पर  उतर आये है
लेकिन इमने से कोई  भी खुदाअसली  खुदा  नही

उसने न जाने  क्यों  मेरी बात का बुरा मान लिया
जबकि  सच में  मैंने  ऐसा कुछ कहा नही

सूखे के कारण  बहारों ने  मुँह अपना फेर लिया  है
पेड़ो पर अब हरा  हरा कुछ  भी  रहा नही

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©Parasram Arora जिंदगी के दामन  में