वीर का पता नहीं मुलाज़मत सदा नहीं नौजवां हुकूमतें यहाँ कि ग़मज़दा नहीं कौन है यहाँ सुने सिफ़ारिशें जवान की नौकरी कि बात है ये कोई बुतकदा नहीं हार तुम न मानना निराश हो नहीं ज़रा झुक पड़े दमन से जो मतीन हौसला नहीं ठीक है नहीं मगर विरोध में ये सरकशी शांति से कीजिए तो कोई मसअला नहीं दौर है फ़रेफ़ता ये नफ़रतें बहाल हैं हम जहाँ पले ये वो 'अबीर' इंडिया नहीं बहरे हज़ज मुसम्मन अशतर मक़्बूज़, मक़्बूज़, मक़्बूज़ फ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन 212 1212 1212 1212 मुलाज़मत - Job बुतकदा - मंदिर मतीन - मज़बूत फ़रेफ़ता - किसी का दीवाना होना