Nojoto: Largest Storytelling Platform

ज़िद्दी की ज़िद्द वैसे नहीं हूँ मैं ज़िद्दी, हर प

ज़िद्दी की ज़िद्द

वैसे नहीं हूँ मैं ज़िद्दी,
हर परिस्थिति के अनुसार ढल जाती हूँ 
पर जब बात आती है आत्मसम्मान की,
मैं ज़िद्दी हो जाती हूँ 

सब पर करती हूँ मैं एतबार,
किसी का दिल मैं नहीं दुखाती हूँ 
जब टूट जाता है मेरा दिल,
मैं किसी को माफ़ नहीं कर पाती हूँ 

बहुत लंबे समय तक कर सकती हूँ मैं बर्दाश्त,
फ़िर कुछ भी मैं कर जाती हूँ 
मेरे सब्र का फ़ायदा ना उठाए कोई,
उन्हें मैं एक पल में छोड़ आती हूँ 

सही को सही और गलत को गलत,
कहने से मैं नहीं घबराती हूँ 
सही उद्देश्य को हासिल करने के लिए,
मैं कुछ भी कर जाती हूँ 

झूठ नहीं बोल सकती मैं कभी,
सच चाहे हो कड़वा वही बोलना और सुनना चाहती हूँ 
झूठ को सच और सच को झूठ,
नहीं मैं बना पाती हूँ 

ज़िंदगी में अगर नहीं भी मिलता मुझे जो चाहा मैंने,
मैं उसमें भी खुश रह जाती हूँ 
पर जब सब करने के बाद भी ना कद्र हो मेरी,
तब मैं ख़ुद की मर्जी करने को ज़िद्दी हो जाती हूँ

©Poonam Suyal
  #jiddi 
#Hindi 
#nojotohindi 
#hindi_poetry 
#Nojoto 
#nojotoapp 
#Poetry 
#poem