सफर में रुके भी कभी ठहर भी गये, पर जो चूल्हे बनाए थे चलती दफा कभी तोड़े नहीं। मैं कभी टूरिस्ट गाईड बनाऊंगा तो लिखूंगा, चलते चलते घर बसाना भी सिखाऊँगा।