जिंगल जिंगल कहते थक गए, थैंक यू से भी पक गए। जो हिंदू कहते शर्माते थे, वे भी क्रिस्टमस से पक गए। आओ तुलसी पूजन मनाते हैं, सनातन परंपरा को निभाते हैं। चाहे चाय हो या पत्ती खाते हैं, बीमारियों को दूर भगाते है। तुलसी से सभ्यता का नाता है, श्री नारायण को भी सुहाता है। फल देता अच्छी सेहत की, जो भी तुलसी पत्र खाता है। चाहे श्वेत हो या श्याम तुलसी, अद्वितीयता का नाम तुलसी। शुभ कार्य में सहभागी तुलसी, प्रसाद में भी प्रतिभागी तुलसी। जहाँ होता नित तुलसी पूजन है, वहां गायब होती सब उलझन है। सुबह शाम जल चढ़ाकर ही, तुलसी देवों का दर्पण है। तो मेरी है प्यारी प्यारी तुलसी, गुणों में सबसे न्यारी तुलसी, कर लो पूजन इसका तुम, पौधों में राज दुलारी तुलसी। ©Rangmanch Bharat #nojoto #nojotohindi #nojotohindipoetry #hindi_poetry #hindi_shayari #Quotes #nojotoshayari #rangmanchbharat #Shayari