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सुनो, वक़्त के रहते पूछ लिया करो "कैसे हो?" सुकूँ

सुनो,
वक़्त के रहते पूछ लिया करो "कैसे हो?"
सुकूँ मिले हमे, तुम खुदा जैसे हो,

रंगों मे बदरंग बने बैठे हैं, चाहते हैं,
तुम आओ और इक बार तो पूछो, कैसे हो?

याद है पहली मुस्कान के पल बिताए थे साथ जहां,
तालिब हैं जिसके हो मयस्सर, तो कैसे हो?

बारिशों की फुहारों में आवाज़ की तलब है तुम्हारी, 
बारिशों में तुम्हारा साथ हर जनम हो, कैसे हो? 

बस अब चले जाएंगे ये आब ओ हवा छोड़कर,
पूछोगे आँखों में लिए नमी, कैसे हो?

ख़ुदा रहम कर मेरे रकीब पे कि वो शाद हो जाए ,
"जग्गी" दुआ है मेरी पर मुमकिन हो भी तो कैसे हो?

©Jagjeet Singh Jaggi... ख़्वाबगाह...! 
  #Colors
#कैसे_हो