Nojoto: Largest Storytelling Platform

कुण्ड़लिया :- हरियाली डाली-डाली बैठते , देखो पक्षी

कुण्ड़लिया :- हरियाली
डाली-डाली बैठते  , देखो पक्षी आज ।
हरा-भरा यह देखकर , वन का सुखी समाज ।।
वन का सुखी समाज , मोर कोयल है गातें ।
देख रहे गजराज , हिरन सब दौड़ लगाते ।।
करे व्यक्त आभार , देख वन में हरियाली ।
मग्न हुए कपि राज , दौड़ते डाली-डाली ।।

आली-आली लग रही , देख भोर की दूब ।
आओ चलते सैर को , मजा करेंगे खूब ।।
मजा करेंगे खूब , हाथ जो आए मोती ।
होगी गीली देख , वहाँ पर अपनी धोती ।।
लेकिन करना काम , आज फिर बनकर माली ।
लोग करेंगे याद , देखकर कल हरियाली ।।

०४/०८/२०२३   -  महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्ड़लिया :- हरियाली

डाली-डाली बैठते  , देखो पक्षी आज ।
हरा-भरा यह देखकर , वन का सुखी समाज ।।
वन का सुखी समाज , मोर कोयल है गातें ।
देख रहे गजराज , हिरन सब दौड़ लगाते ।।
करे व्यक्त आभार , देख वन में हरियाली ।
मग्न हुए कपि राज , दौड़ते डाली-डाली ।।
कुण्ड़लिया :- हरियाली
डाली-डाली बैठते  , देखो पक्षी आज ।
हरा-भरा यह देखकर , वन का सुखी समाज ।।
वन का सुखी समाज , मोर कोयल है गातें ।
देख रहे गजराज , हिरन सब दौड़ लगाते ।।
करे व्यक्त आभार , देख वन में हरियाली ।
मग्न हुए कपि राज , दौड़ते डाली-डाली ।।

आली-आली लग रही , देख भोर की दूब ।
आओ चलते सैर को , मजा करेंगे खूब ।।
मजा करेंगे खूब , हाथ जो आए मोती ।
होगी गीली देख , वहाँ पर अपनी धोती ।।
लेकिन करना काम , आज फिर बनकर माली ।
लोग करेंगे याद , देखकर कल हरियाली ।।

०४/०८/२०२३   -  महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्ड़लिया :- हरियाली

डाली-डाली बैठते  , देखो पक्षी आज ।
हरा-भरा यह देखकर , वन का सुखी समाज ।।
वन का सुखी समाज , मोर कोयल है गातें ।
देख रहे गजराज , हिरन सब दौड़ लगाते ।।
करे व्यक्त आभार , देख वन में हरियाली ।
मग्न हुए कपि राज , दौड़ते डाली-डाली ।।

कुण्ड़लिया :- हरियाली डाली-डाली बैठते , देखो पक्षी आज । हरा-भरा यह देखकर , वन का सुखी समाज ।। वन का सुखी समाज , मोर कोयल है गातें । देख रहे गजराज , हिरन सब दौड़ लगाते ।। करे व्यक्त आभार , देख वन में हरियाली । मग्न हुए कपि राज , दौड़ते डाली-डाली ।। #कविता