वीर शिरोमणि भारत पुत्र, नर थे या अवतारे रुद्र, पूरे होने नहीं दिए, मुग़लों की इच्छाएं छुद्र। तन में असीम शक्ति, उर में भरी राष्ट्रभक्ति, मुगलों के आतंक से, दिलाई थी मेवाड़ को मुक्ति। जान के राणा का रण कौशल, अकबर का दिल जाता था दहल, प्रताप के नाम मात्र से ही, शाही फौज़ में मच जाती हलचल। हे प्रताप आपके प्रताप ने, हरे थे माँ भारती के संताप, हे वीरेंद्र राणा प्रताप, जन जन के पूजनीय हो आप। #rana pratap jayanti