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आयी रंगोत्सव,नेह रंग बरसाने चले हैं, पुआ मिठाई गुझ

आयी रंगोत्सव,नेह रंग बरसाने चले हैं,
पुआ मिठाई गुझिया मिल कर सब खाने चले हैं।

वैर भाव, रंजो गम,अहम दहन कर आज,
एक दूजे को खुशियों के रंग लगाने चले हैं।

झूम रही है सब जगह मस्तों की टोली,
बाजे डफ, ताल पर सब फाग गाने चले हैं।

लाल गुलाबी रंग गुलाल से सराबोर हुए सब ,
प्रीत की रंग में एक दूजे को डुबाने चले हैं।

ना उतरे पिया  प्रीत की रंग इस दिल से,
मिल कर आज "अम्बे" होली मनाने चलें है।

अम्बिका मल्लिक ✍️

©Ambika Mallik
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