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अगर परमात्मा अपनी कल्पना से मनुष्य की रचना करने

अगर  परमात्मा  अपनी कल्पना  से मनुष्य की रचना करने मे   
कामयाब हुआ है  तो निश्चित ही  आदमी भी  अपनी कल्पनाओ क़े  
आधार पर  ईश्वर का  सृजन करने क़े लिए  निर्भीक  और स्वछंद रूप से अधिकृत हैं 
जैसे जैसे   मौसम  और  परिस्तिथियों  मे   बद्लाव  होता रहा है  
वैसे वैसे  आदमी ने  भी  ईश्वर    क़े रंग रूप  आकार  साज़ सज़्ज़ा  मे क्रन्तिकारी  बद्लाव  किये  है 
पिछले  दौर  मे  हमने  छतीस  करोड़  देवताओं का  निर्माण  किया था  जो  आज क़े दौर मे बढ़ कर एक सौ  छतीस  करोड़    का  आंकड़ा  पार  हो  चुका  है #ईश्वर का  निर्माण..
अगर  परमात्मा  अपनी कल्पना  से मनुष्य की रचना करने मे   
कामयाब हुआ है  तो निश्चित ही  आदमी भी  अपनी कल्पनाओ क़े  
आधार पर  ईश्वर का  सृजन करने क़े लिए  निर्भीक  और स्वछंद रूप से अधिकृत हैं 
जैसे जैसे   मौसम  और  परिस्तिथियों  मे   बद्लाव  होता रहा है  
वैसे वैसे  आदमी ने  भी  ईश्वर    क़े रंग रूप  आकार  साज़ सज़्ज़ा  मे क्रन्तिकारी  बद्लाव  किये  है 
पिछले  दौर  मे  हमने  छतीस  करोड़  देवताओं का  निर्माण  किया था  जो  आज क़े दौर मे बढ़ कर एक सौ  छतीस  करोड़    का  आंकड़ा  पार  हो  चुका  है #ईश्वर का  निर्माण..

#ईश्वर का निर्माण..