साथ पाया आपका तब से जीने की उम्मीद जाग गई। आपकी सादगी ही तो मेरे मन को भा गई। उलझने तो रहेंगी इस जिंदगी में हर वक्त। अब गमों से निपटने की कला भी आपसे आ गई। Anuj "बेख़बर" रामनरेश शर्मा (सरल(