"राजनीति" सरकारे बदलती है वादे टूट जाते है राजनीति में, देश की हालत नही बदलती। अनदेखे हो जाते हैं नेताओं के पुराने अपराध, तरक्की नही दिखती। टिक जाती है सरकारें पाँच साल, सड़के नही टिकती। रुक जाते संसद के काम-काज, महंगाई नही रुकती। दवा रोटी के बगैर मिट जाते है गरीब, गरीबी नही मिटती। लूट खसोट करके भी सुरक्षित रहे नेता, चोरी डैकती नही रुकती। घट जाते हैं खजाने सरकार के, बेरोजगारी नही घटती। बढ़कर मिल जाते हैं ऋण व्यापरियों को, मजदूरी नही बढ़ती। देश का धन लेकर रफुचक्कर व्यापारी, सजा कोई नही मिलती। वोट लेने के वक्त बड़ी चापलूसी, कोई अक्खड़ नही दिखती। आ जाए अगर सत्ता में एक बार, फिर गर्दन नही झुकती। ©Vikash Kamboj #rajneeti