#KargilVijayDiwas मै जानता हूँ मुझ पर तुम्हारा विश्वास अडिग है अटल है किसी ठोस पर्वत की तरह इसके बावजूद तुम्हे संदेह न जाने क्यों है जबकि मेरा भटकने का न कोई इरादा रहा है कभी और न ही. कोई. दूसरा स्त्रोत है मेरे पास तुमसे दूर जाने क़े लिए l मै बचनबद्द हूँ और ये वचनबध्दता . प्रमाणिक भी है l फिर भी न जाने क्यों मुझे ऐसा आभास हो रहा है कि उस अडिग ठोस पर्वत क़े नीचे कोई संदेह का j ज्वालामुखी अब भी कही दहक रहा है. #संदेह का ज्वालामुखी . ।..।