Nojoto: Largest Storytelling Platform

आज़ाद परिंदा था जी आया जी में बैठा था तुमने सोचा कि

आज़ाद परिंदा था जी आया जी में बैठा था
तुमने सोचा कि पिंजरा कमाल है आलिम
टूटने का जिसके तुमको मलाल है आलिम
वो कैदी न था ये कफ़स उससे ही शाबिस्ताँ था
उसके ही इशारे पे ये मिट्टी बोलती थी
हर छोटी बड़ी शय मिट्टी के माफ़िक़ तोलती थी
बोलते थे तुम इसकी शय में बोल बड़े
करते थे ओहदों अदब के तोल-मोल बड़े
उसकी खामोशी भर में फ़लसफ़ा ये ज़ाहिर था
दिलों में बैठा वो एक कमाल शाइर था
तुम्हें था नाज़ बहुत अपनी फ़नकारी पे
मुक़म्मल जज़्ब वो अपने फ़न का माहिर था

 #toyou#tome#mortality#freedom#yqliberation#yqpeace
आज़ाद परिंदा था जी आया जी में बैठा था
तुमने सोचा कि पिंजरा कमाल है आलिम
टूटने का जिसके तुमको मलाल है आलिम
वो कैदी न था ये कफ़स उससे ही शाबिस्ताँ था
उसके ही इशारे पे ये मिट्टी बोलती थी
हर छोटी बड़ी शय मिट्टी के माफ़िक़ तोलती थी
बोलते थे तुम इसकी शय में बोल बड़े
करते थे ओहदों अदब के तोल-मोल बड़े
उसकी खामोशी भर में फ़लसफ़ा ये ज़ाहिर था
दिलों में बैठा वो एक कमाल शाइर था
तुम्हें था नाज़ बहुत अपनी फ़नकारी पे
मुक़म्मल जज़्ब वो अपने फ़न का माहिर था

 #toyou#tome#mortality#freedom#yqliberation#yqpeace