लगातार लगन से निहारती रहूं, मन को इसकी लगन जब लगती है एक सुकून सा मिले इससे ,मुझे मेरे दोस्त से लगती है और करती है आकर्षित सबको ,इसके लिए मन में प्रशंसा जगती है यूं तो इसके भी दोस्त हैं बहुत जिनसे शोभा इसकी बढ़ती है जरा गौर से देखना तुम कभी वह मौन सी है और शांत सी है कोई शोर शराफा कुछ नहीं बेचैन नहीं एकांत सी है कुछ बात सी है जरूर इसमें इसे देख खुलती एक किताब से है यूं लगता उसके साथ मुझे मानो मुट्ठी में कायनात सी है और यह जो नदियां बादल बारिश है यह जो अपनी ओर मुझे खींच रहे इसमें इनकी कोई साजिश है और इनसे दिन भर बातें करती रहूं 'ख़ुशी' की इतनी सी ख्वाहिश है और जब ऊपर बादल उड़ता है,नीचे घास पांव को छेड़ता है जो तितलियां उड़ती फूलों पर दिल उनके साथ तब खेलता है और इनके बीच आ जाने से दिल कोई दुख ना झेलता है जो विशाल सा दिखता पर कोमल है वह पहाड़ भी मुझको घेरता है बिन बोले सब कुछ कह जाती ,मन की उलझन सारी बह जाती जब कभी भी इस से मिलती हूं ,इसकी यादें दिल में रह जाती इसकी यादें दिल में रह जाती -खुशी✍🏼🥀 #citysunset #inayatchoudhary