हम हर रोज शीशे पर खुद को देखते एक दिन सुबह शीशे पर खुद को देख ही रहे थे के शीशा बोला अच्छा नहीं जा रहा है तेरा दिन और मुझ पर खुद को देख कर ख़ुश रहने का दिखावा कैसे कर लेता है ©kishan mahant #शीशे भी बोलता है