यहाँ जो कुछ भी है प्रकृति का ही है नश्वर है, इसी में विलीन हो जाना है सृजन व विनाश मात्र विकल्प है निरंतर नियमित चक्र है सृष्टी का तत्व नहीं,ऊर्जा नहीं,चेतना नहीं, मृत्यु नहीं,आकार नहीं,कल्पना नहीं अनुभव अनुमान दिखाता भिन्नता गौण व प्रधान,समय,परिवर्तन शून्य से ब्रह्माण जो भी है कुछ और नहीं बस सब ईश्वर है ©Parul Sharma #आध्यात्म