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तसब्बुर  दिल बेचैन हो जाता है जब तेरी खबर मिलती ह

तसब्बुर 

दिल बेचैन हो जाता है जब तेरी खबर मिलती है 

रूह मचल उठती है जब तुझसे नज़र मिलती है


ऐसे लगतीं है तेरे चेहरे पर बिखरी जुल्फें

जैसे बलखा के रात से सहर मिलती है


छा जाती है बहार इस रूखी जिन्दगी में 

जब बेराह जिन्दगी में कोई हमसफर मिलती है


मंजिल पर पहुंचकर ही पीछे मुड़कर देखता है

किसी भटके हुए राही को जब डगर मिलती है


साथ-साथ चलते है कुछ दूर तक तो वो

साथ छोड़ देते है जब राह में भवर मिलती है||

©Sushant 'Nishchint' #Tasabbur 

#zindagikerang
तसब्बुर 

दिल बेचैन हो जाता है जब तेरी खबर मिलती है 

रूह मचल उठती है जब तुझसे नज़र मिलती है


ऐसे लगतीं है तेरे चेहरे पर बिखरी जुल्फें

जैसे बलखा के रात से सहर मिलती है


छा जाती है बहार इस रूखी जिन्दगी में 

जब बेराह जिन्दगी में कोई हमसफर मिलती है


मंजिल पर पहुंचकर ही पीछे मुड़कर देखता है

किसी भटके हुए राही को जब डगर मिलती है


साथ-साथ चलते है कुछ दूर तक तो वो

साथ छोड़ देते है जब राह में भवर मिलती है||

©Sushant 'Nishchint' #Tasabbur 

#zindagikerang