तसब्बुर दिल बेचैन हो जाता है जब तेरी खबर मिलती है रूह मचल उठती है जब तुझसे नज़र मिलती है ऐसे लगतीं है तेरे चेहरे पर बिखरी जुल्फें जैसे बलखा के रात से सहर मिलती है छा जाती है बहार इस रूखी जिन्दगी में जब बेराह जिन्दगी में कोई हमसफर मिलती है मंजिल पर पहुंचकर ही पीछे मुड़कर देखता है किसी भटके हुए राही को जब डगर मिलती है साथ-साथ चलते है कुछ दूर तक तो वो साथ छोड़ देते है जब राह में भवर मिलती है|| ©Sushant 'Nishchint' #Tasabbur #zindagikerang