एक बार उसने मुझसे कहा था चार बजे वाला सूरज कभी देखा नही। कल सुबह भी शायद जल्दी जगी थी चार बजे ही शायद सुबह का सूरज देखने को । सूरज भी बेचारा हड़बड़ाकर उठा होगा कि आज अचानक इतनी सुबह मैं भी कब निकलता हूँ फिर भी सूरज उसके लिए निकलने ही वाला था । मगर वो फिर से करवट ले सो गई औऱ फिर सूरज ने भी एक जम्हाई लेकर कुछ देर और सोने के लिए बादलों की चादर ओढ़ ली। मैंने भी कहा था उस से चार बजे सूरज नहीं निकलता पगली !!! #yqdidi #besyqthindiquote #सूरज #नज्म #love एक बार उसने मुझसे कहा था चार बजे वाला सूरज कभी देखा नही। कल सुबह भी शायद जल्दी जगी थी चार बजे ही शायद