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सुबह की शबनम, रात की चांद का गुरूर हू । गुलशन -ए ह

सुबह की शबनम, रात की चांद का गुरूर हू ।
गुलशन -ए हिंदोस्ताँ का मै महकता सा फूल हू ।
औऱ किसी ने मुझको जिहादी कह दिया था एक दिन।
ये इल्ज़ाम गलत है पर हाँ मैं कुछ अलग जरूर हू ।
#Ansar.. #RIPRahatindori(कुछ अलग हू..) 

#RIPRahatIndori
सुबह की शबनम, रात की चांद का गुरूर हू ।
गुलशन -ए हिंदोस्ताँ का मै महकता सा फूल हू ।
औऱ किसी ने मुझको जिहादी कह दिया था एक दिन।
ये इल्ज़ाम गलत है पर हाँ मैं कुछ अलग जरूर हू ।
#Ansar.. #RIPRahatindori(कुछ अलग हू..) 

#RIPRahatIndori