माने हम कैसे तेरे बातों को उम्र भर साथ रहने वाले वादों को तुम अनजान हो शायद तुम्हे पता नही तुम्हारे जैसे कइयों ने इन्ही बातो में उलझाया है वादों में फंसा खुद को अपने से दूर भगाया है ये इश्क़ मोहब्बत के नाम पे क्या क्या नाच नचाया है जानू जानू कहकर खूब कंगाल बनाया है फिर यूँही छोड़कर हमें खूब रुलाया है। ##############