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भरी महफ़िल में कन्हैया ,तुम्हें ही याद करती हूँ।



भरी महफ़िल में कन्हैया ,तुम्हें ही याद करती हूँ।  
 तुम्हारा नाम रटकर ज़िंदगी आबाद करती हूँ।
    
  हुनर ये छीन लो कान्हा जो तुमने मुझको बख़्शा है। 
  बहाकर अश्क़ कृष्णा मैं यही फ़रियाद करती हूँ  । 
       ©Er.आयुषी गुप्ता
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©ayushigupta