।। मनोबल ।। " तंग गलियों से गुजरे जब मन तुम्हारा हंसी पलों को मुड़के सोच दोबारा , भूल के ना जिक्र हो मेरा और तुम्हारा साथ देना जो दे साथ तुम्हारा , पलों की कीमत जैसे साहिल का किनारा आकर लौट जाए मझधार की धारा , धड़कनों को हो जैसे सांसों का सहारा कोशिशों को भी उम्मीदों ने उभारा जल तरंग और चांद सितारा भावनाओं का हैं खेल सारा तंग गलियों से गुज़रे जब मन तुम्हारा हंसी पलो को मुडके सोच दोबारा ।। kanchan Yadav ✍️ ©kanchan Yadav #coldnights #मनोबल