तुम ऐसे भी जी रही हो तुम वैसे भी जी रही थी फिर तुमने क्यों कहां था तुम जी नहीं सकती मेरे बिन.. तुमने कहा था हर लम्हा अधूरा हैं हर खुशी अधूरी हैं तुम अधूरी हों मेरे बिन.. लेकिन तुमने क्यों कहां था? तुम जी नहीं सकती मेरे बिन.. क्या वो हर बात झूठी थी? या फिर तुमने जीना सीख लिया मेरे बिन..! तुमने जीना सीख लिया मेरे बिन..! ©DrGovinda Dhurve #मेरे_बिन #नोजोटो_हिंदी #apart indira