मत् ला और दो शे्र भरी महफिल मुस्कुराना गंवारा हो गया! मगर मजबूर होने का इशारा हो गया!! खुदा ने खूब बख्सा है अदा औ बेरूखी! गले लगके निगाहों से किनारा हो गया!! झुकाकर आंख उसने तो बुलाया हमको ही! नजर अंदाज करके यूं पुकारा हो गया!! #अंजान 9453684144 #anjan