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Anuradha T Gautam 6280
#अंजान सब कुछ जान कर भी अब मैं अंजान बनी रहती हूं ये मेरी अच्छे इंसान की पहचान है पागल होने के नहीं..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️
read morejameel Khan
White न जान न पहचान अंजान ही मेरे रिस्तेदार बन बैठै वो मेरे घर के मालिक़ और हम किराएदार बन बैठै जमील ©jameel Khan #अंजान #
#अंजान #
read moreShubham Bhardwaj
White माता-पिता से कोई अंजान नही होता। इस रिश्ते से बढ़कर, कोई पहचान नही होता।। ऊंगली पकड़कर जिसने चलना सिखाया हमको। क्यों कहते हो यारों कि दुनिया में भगवान नही होता।। ©Shubham Bhardwaj #love_shayari #माता #पिता #पहचान #रिश्ते #अंजान #भगवान #नही #अनमोल #दिवस
Ankur tiwari
White कभी कभी मुझे लगता है कि मुझे शायद तुमसे प्रेम हो गया था या तुम्हे मुझसे या फिर हम दोनों को ही बस कह नही पाए एक दूसरे से क्योंकि तुम ही न कहती थी कि जिम्मेदार लोग इश्क़ मोहब्बत प्यार के पचड़ों में नही पड़ते उनके लिए परिवार बहुत मायने रखता है और जो परिवार का विश्वास हैं उसे तोड़ना नहीं चाहिए बस इसी बात ने रोक रखा था शायद हम दोनों को। खैर अगर आगे भी और अधिक बातचीत हुई होती तो शायद मैं महाकाव्य लिख भी देता लेकिन जितना भी तुमको जाना है एक दिन अपने दिन अपने जीवन के महाकाव्य में एक खंडकाव्य तुम्हारा भी जरूर लिखूंगा। #अंजान ©Ankur tiwari #sad_shayari
बेजुबान शायर shivkumar
White " जिंदगी के सफर का तू अकेला ही मुसाफिर है , बेगाने हैं वो सब जो तुझे अपना बताते हैं ! छोड़ जाएंगे ये साथ इक दिन इन अंजान राहों में तेरा , वो जो आज खुद को तेरा हमसफर जानता है !! " ©Shivkumar #safar #Nojoto #nojotohindi #सफर #सफर_ए_ज़िन्दगी " #जिंदगी के सफर का तू अकेला ही #मुसाफिर है , बेगाने हैं वो सब जो तुझे #अपना बताते हैं ! छोड़ जाएंगे ये साथ इक दिन इन #अंजान राहों में तेरा , वो जो आज खुद को तेरा #हमसफर जानता है !! "
#safar #nojotohindi #सफर #सफर_ए_ज़िन्दगी " #जिंदगी के सफर का तू अकेला ही #मुसाफिर है , बेगाने हैं वो सब जो तुझे #अपना बताते हैं ! छोड़ जाएंगे ये साथ इक दिन इन #अंजान राहों में तेरा , वो जो आज खुद को तेरा #हमसफर जानता है !! "
read moreनिखिल कुमार अंजान
निकले थे घर से कमाने की खातिर खुद को ही गवाँ बैठे अपने हुए पराए और हम परायों से दिल लगा बैठे दिन भर तो मश्गूल रहे शाम होते नदी किनारे जा बैठे यूँ तो मुफलिसी मे जिंदगी कुछ अजीब सी हो गई पर जाने क्यों पानी मे छवि देखकर खुद की हम खुद पर ही मुस्कुराह बैठे...... #अंजान..... ©निखिल कुमार अंजान #retro
निखिल कुमार अंजान
आँखों की नमी जो पढ़ लेता तो अच्छा था किया जो वक्त ने सितम वो भी अच्छा था बड़े मशगूल थे सुनाने मे किस्से हमारे हाथों से फिसल रहा था जो उसे पकड़ लेता तो अच्छा था....... #अंजान..... ©निखिल कुमार अंजान #bicycleride
निखिल कुमार अंजान
इश्क मे इश्क जैसा कुछ नही रहा सब कुछ खारा सा हो गया न हम तुम्हारे रहे न तुम हमारे रहे जाने कौन से किस्से पुराने रहे वापस मुड़ कर देखने के भी अब न कोई बहाने रहे मशरुफ हो तुम शख्सियत बनाने मे अपनी हम पीछे कहाँ फिर से दिल लगाने मे रहे मशहूर किस्से हमारे कुछ यूँ जमाने मे रहे......... #अंजान...... ©निखिल कुमार अंजान सब कुछ खारा हो गया
सब कुछ खारा हो गया
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