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न हो किसी के आने की आहट बस अब बहुत हुआ अकेला रहना

न हो किसी के आने की आहट  बस अब बहुत हुआ
अकेला रहना  मंजूर  है पर अब हिम्मत नही सहने की
आग लगा के पानी में फिर उसे बुझा देने की
चले जाओ अब जरूरत नहीं मेरे करीब आने की
न जाने क्यों इक ख्वाहिश मुझे जीने की हुई

©SMA voice group
  #dukh #taklif  jameel Khan Senty Poet Amit Pandey Ajain_words