बचपन और लुका-छिपी हारकर भी जीत जैसा लगता था खुशियों का संसार हमारे साथ चलता था खेल खेलते -खेलते ही सुरज ढलता था हर समय खेलने का ख्याल पलता था। मैं इस खेल में हर बार हारता था फिर भी खेलने के लिए मन मचलता था क्योंकि बचपन में इससे ही मन भरता था। #lukachuppi