शहर की भीड़ * शहरों की भीड़ *से अलग रहते हैं हम, क्योंकि उनकी और अपनी कभी खायलात़ नहीं मिलते। इनसे वक़्त पे दगा़ बहुत, पर जरूरत में कभी साथ नहीं मिलते।। #Bheed दगाबाज भीड़ से अकेले रहना ही बेहतर होता है।#lifeexperience#