ख़ुद को समेट रखी हुं ख़ुद मे ही जाने कितने दिनों से बस अब बिखरना चाहती हूँ लग कर तेरे गले. ©puja yadav #ख़ुद को समेट रखी हुं ख़ुद मे ही जाने कितने दिनों से बस अब बिखरना चाहती हूँ लग कर तेरे गले. #waiting #Love #hindi_poetry #Instagram #NojotoFamily #sayri