खुले हैं महखाने मेरे शहर में आज फ़िर से... क़तारों में लगें है हज़ारों कद्रदान उसके... जान जाए तो जाए कोई परवाह थोड़ी हैं..... हुज़ूर मह ही तो हैं ज़िन्दगी , अब मह से बढ़ कर जान थोड़ी है #अभय #zindgi