Nojoto: Largest Storytelling Platform

लफ़्ज़ों को अपने अंदर समेट के, हम खुली आँखों से भी

लफ़्ज़ों को अपने अंदर समेट के, हम खुली आँखों से भी सोये हैं, 
हर एक एहसास को सीने मे दबा कर, फिर से उमीदों के बीज बोये हैं , 
कहते रहे जमाने से बड़े सख्त लड़के है हम, 
लेकिन तकिये से लिपट के, रातभर रोये है हम!! 
# MenCanCry
#WetooAreHumans

©Sachin Sharma
  #MenCanCry
#letsmakechange 
#Life #Love
#hindi_poetry