वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी, याद कर लें हम अपना बचपन, हे! मेरे मौला बरसा दो पानी। जल रहें हैं हम धूप में,, मार रही है लू। कुछ तो तरस करो, हे! मेरे मौला,, बरसा दो तुम थोड़ा सा पानी। मिल जाए गर्मी से राहत,,कर दो बारिश,, एक बार फिर चलाएं कश्ती जी लें हम बचपन की कहानी। #barish #missing_childhood_days #bcpn_dairy #nojoto #hindiquotes #jasvinderk